मुसीबत की घड़ी में है, परीक्षा सबके धीरज की ये घड़ियां बीत जाएंगी, अगर हम तुम रहें घर मुसीबत की घड़ी में है, परीक्षा सबके धीरज की ये घड़ियां बीत जाएंगी, अगर हम तुम...
हर कोई यही सोचता है मेरे बाहर जाने से क्या होगा हर कोई यही सोचता है मेरे बाहर जाने से क्या होगा
अंग्रेजों से देश आज़ाद कराने में, सुभाषचंद्र ने किया बहुत काम! नेता जी के नाम से प्रसि अंग्रेजों से देश आज़ाद कराने में, सुभाषचंद्र ने किया बहुत काम! नेता जी के न...
जिज्ञासु रहे हम भी,तुम भी एक दूसरे के प्रति। जिज्ञासु रहे हम भी,तुम भी एक दूसरे के प्रति।
पत्नी तक का दर्जा दिलाते हैं जुल्म करने पर ना कोई हिचकिचाते हैं पत्नी तक का दर्जा दिलाते हैं जुल्म करने पर ना कोई हिचकिचाते हैं
सब भूल कर फिर दाव पर मैं आँसू ही लगाने के लिए बैठा रहा। सब भूल कर फिर दाव पर मैं आँसू ही लगाने के लिए बैठा रहा।